भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी कैसे बनें?

भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी कैसे बनें?

भारतीय विदेश सेवा (Indian Foreign Service – IFS) भारत की सबसे प्रतिष्ठित सिविल सेवाओं में से एक है, जिसका मुख्य उद्देश्य देश के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करना और विदेशों में भारत के हितों की रक्षा करना है। IFS अधिकारियों की भूमिका केवल एक नौकरी नहीं होती, बल्कि यह भारत की छवि और कूटनीति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने का अवसर होता है। IFS अधिकारी बनने की प्रक्रिया में संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) में सफलता प्राप्त करना अनिवार्य है। इस लेख में, हम विस्तार से जानेंगे कि भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी बनने के लिए क्या प्रक्रियाएं, योग्यताएं, जिम्मेदारियां और तैयारी की रणनीतियाँ होनी चाहिए।


1. भारतीय विदेश सेवा (IFS) की भूमिका और जिम्मेदारियाँ

IFS अधिकारियों की भूमिका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व करना और विभिन्न देशों में भारत के हितों की रक्षा करना होती है। विदेश मंत्रालय और भारत के दूतावासों, उच्चायोगों, काउंसलेट और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों में IFS अधिकारी नियुक्त होते हैं।

1.1 प्रमुख जिम्मेदारियाँ

  • अंतरराष्ट्रीय कूटनीति (Diplomacy): IFS अधिकारी विभिन्न देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ कूटनीतिक संबंध स्थापित करते हैं और भारत के रणनीतिक हितों की रक्षा करते हैं।
  • वाणिज्यिक संबंध (Commercial Relations): अधिकारी भारत के व्यापार और वाणिज्यिक हितों को बढ़ावा देने के लिए काम करते हैं। यह वैश्विक व्यापारिक साझेदारी, निवेश के अवसरों और भारतीय उद्योगों को वैश्विक बाजार में प्रवेश दिलाने के लिए महत्वपूर्ण होता है।
  • संस्कृति का प्रचार (Cultural Promotion): भारत की संस्कृति, परंपरा, भाषा और सभ्यता को विदेशों में प्रचारित करना भी IFS अधिकारियों की जिम्मेदारी होती है। यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान, शैक्षिक कार्यक्रमों और सांस्कृतिक गतिविधियों के माध्यम से किया जाता है।
  • भारतीय नागरिकों की सुरक्षा (Protection of Indian Nationals): विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा करना भी IFS अधिकारियों की प्रमुख जिम्मेदारियों में से एक है।
  • वैश्विक संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व: IFS अधिकारी संयुक्त राष्ट्र (UN), विश्व व्यापार संगठन (WTO), अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF), विश्व बैंक और अन्य वैश्विक संगठनों में भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं।

2. IFS अधिकारी बनने की प्रक्रिया

IFS अधिकारी बनने के लिए UPSC द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (CSE) पास करना अनिवार्य है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों में आयोजित की जाती है:

  1. प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)
  2. मुख्य परीक्षा (Mains Exam)
  3. साक्षात्कार (Interview)

2.1 प्रारंभिक परीक्षा (Preliminary Exam)

यह परीक्षा वस्तुनिष्ठ (Objective) प्रकार की होती है और इसमें दो पेपर होते हैं:

  1. सामान्य अध्ययन (General Studies) – पेपर I: इसमें भारतीय इतिहास, भूगोल, राजनीति, अर्थशास्त्र, पर्यावरण, सामान्य विज्ञान, और समसामयिकी (Current Affairs) से जुड़े प्रश्न होते हैं।
  2. सिविल सेवा अभिवृत्ति परीक्षा (Civil Service Aptitude Test – CSAT) – पेपर II: इसमें तार्किक तर्क (Logical Reasoning), गणितीय क्षमता, अंग्रेज़ी समझ, और निर्णय लेने की क्षमता से जुड़े प्रश्न होते हैं। यह पेपर केवल क्वालिफाइंग होता है, जिसमें 33% अंक प्राप्त करने होते हैं।

2.2 मुख्य परीक्षा (Mains Exam)

मुख्य परीक्षा में 9 पेपर होते हैं, जो वर्णनात्मक (Descriptive) प्रकार के होते हैं। मुख्य परीक्षा के पेपर निम्नलिखित हैं:

  1. भारतीय भाषा (Qualifying Indian Language Paper): किसी भी भारतीय भाषा का ज्ञान।
  2. अंग्रेज़ी भाषा (Qualifying English Language Paper): अंग्रेज़ी भाषा की दक्षता का परीक्षण।
  3. निबंध (Essay): विभिन्न विषयों पर निबंध लेखन।
  4. सामान्य अध्ययन I (General Studies Paper I): भारतीय संस्कृति, इतिहास, भूगोल और समाज से जुड़े प्रश्न।
  5. सामान्य अध्ययन II (General Studies Paper II): शासन, संविधान, राजनीति, सामाजिक न्याय और अंतरराष्ट्रीय संबंध।
  6. सामान्य अध्ययन III (General Studies Paper III): प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, पर्यावरण, सुरक्षा और आपदा प्रबंधन।
  7. सामान्य अध्ययन IV (General Studies Paper IV): नैतिकता, अखंडता और लोक प्रशासन। 8-9. वैकल्पिक विषय (Optional Subject Papers): उम्मीदवार के द्वारा चुने गए किसी एक विषय के दो पेपर।

2.3 साक्षात्कार (Interview)

साक्षात्कार में उम्मीदवार के व्यक्तित्व, तर्कशक्ति, नेतृत्व क्षमता और विदेश नीति संबंधी ज्ञान का मूल्यांकन किया जाता है। इसे व्यक्तित्व परीक्षण (Personality Test) भी कहा जाता है, और इसका उद्देश्य उम्मीदवार की प्रशासनिक और कूटनीतिक क्षमताओं को परखना होता है।


3. IFS परीक्षा के लिए आवश्यक योग्यता

IFS अधिकारी बनने के लिए UPSC सिविल सेवा परीक्षा में बैठने के लिए कुछ विशेष योग्यताएं आवश्यक होती हैं:

3.1 शैक्षणिक योग्यता

  • उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक (Graduation) की डिग्री होनी चाहिए।
  • अंतिम वर्ष के छात्र भी परीक्षा में बैठ सकते हैं, बशर्ते कि वे मुख्य परीक्षा के लिए आवेदन करते समय अपनी स्नातक की डिग्री पूरी कर लें।

3.2 आयु सीमा

  • सामान्य वर्ग के उम्मीदवारों के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष और अधिकतम आयु 32 वर्ष होती है।
  • OBC वर्ग के उम्मीदवारों को 3 वर्ष की छूट दी जाती है, यानी अधिकतम आयु 35 वर्ष होती है।
  • SC/ST वर्ग के उम्मीदवारों को 5 वर्ष की छूट दी जाती है, यानी अधिकतम आयु 37 वर्ष होती है।

3.3 अन्य योग्यताएँ

  • राष्ट्रीयता: उम्मीदवार भारतीय नागरिक होना चाहिए।
  • शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य: IFS अधिकारी बनने के लिए उम्मीदवार का शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य उत्तम होना चाहिए।

4. IFS अधिकारी की तैयारी कैसे करें?

IFS अधिकारी बनने की तैयारी के लिए सही रणनीति, समर्पण और अनुशासन की आवश्यकता होती है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा के तीनों चरणों की तैयारी के लिए एक व्यवस्थित योजना बनाना बहुत जरूरी है।

4.1 सिलेबस को समझें

UPSC सिलेबस को समझना बहुत जरूरी है। सिलेबस में दिए गए विषयों के अनुसार अपनी पढ़ाई को व्यवस्थित करें। सिलेबस को UPSC की आधिकारिक वेबसाइट से डाउनलोड कर सकते हैं और प्रत्येक विषय के लिए अपने अध्ययन की योजना बनाएं।

4.2 NCERT की किताबें पढ़ें

NCERT की किताबें IFS की तैयारी के लिए आधारभूत सामग्री प्रदान करती हैं। कक्षा 6 से 12 तक की NCERT की इतिहास, भूगोल, राजनीति, और विज्ञान की किताबें पढ़ें।

4.3 समाचार पत्र और करंट अफेयर्स

समाचार पत्र पढ़ना IFS की तैयारी में बहुत महत्वपूर्ण है। “The Hindu”, “Indian Express” जैसे प्रमुख समाचार पत्र पढ़ें। इसके अलावा, समसामयिक घटनाओं से जुड़े मासिक पत्रिकाएँ जैसे “Yojana”, “Kurukshetra” और PIB (Press Information Bureau) भी पढ़ें।

4.4 उत्तर लेखन का अभ्यास करें

मुख्य परीक्षा में वर्णनात्मक उत्तर लिखने की आवश्यकता होती है, इसलिए उत्तर लेखन का नियमित अभ्यास करें। परीक्षा में समय प्रबंधन बहुत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए मॉक टेस्ट दें और अपने उत्तरों को जांचें।

4.5 वैकल्पिक विषय का चुनाव

वैकल्पिक विषय का चुनाव भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। इसे ध्यान से चुनें और उस विषय पर गहन अध्ययन करें। वैकल्पिक विषय को चुनते समय अपनी रुचि और उपलब्ध संसाधनों का ध्यान रखें।

4.6 नोट्स बनाना

हर विषय के महत्वपूर्ण बिंदुओं के छोटे-छोटे नोट्स बनाना जरूरी होता है। यह रिवीजन के समय मददगार होता है और आप परीक्षा के समय तेजी से पढ़ाई दोहरा सकते हैं।

4.7 मॉक टेस्ट दें

परीक्षा के माहौल से परिचित होने के लिए मॉक टेस्ट देना आवश्यक है। इससे आपको परीक्षा के समय प्रबंधन और तनाव को संभालने में मदद मिलेगी।

5. IFS अधिकारी के प्रशिक्षण की प्रक्रिया

UPSC परीक्षा पास करने के बाद, IFS अधिकारियों को फाउंडेशन कोर्स और विशेषीकृत प्रशिक्षण के लिए भेजा जाता है। यह प्रशिक्षण मुख्य रूप से लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (LBSNAA), मसूरी और **फॉरेन सर्विस इंस्टीट्यूट (FSI), नई

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